जिंदगी की रेल न चैन खींचके डाट रे सां (हरियाणवी)
कविता के माध्यम से कवि अपनी फक्कड़ मस्ती का बयान करता है। कवि बताता है कि बुरे स...पूरा देखें
कविता के माध्यम से कवि अपनी फक्कड़ मस्ती का बयान करता है। कवि बताता है कि बुरे से बुरे दौर का भी वे इन्ज्वाय कर रहे है।