वक़्त पड़े बिन आत्मदेह का (हरियाणवी)
• 2020 • फिल्म • 8mins
इस रागणी म्हं कवि नै कृष्ण सुदामा के किस्से म्हं बताया है के आदमी नै जब तक दूसरे आदमी तै काम ना पडै तब तक उसके भीतर की सच्चाई का बेरा कोनी पाटै। असली प्यारे आदमी का दुख म्हं ऐ बेरा पाट्या करै।
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