घर की घर म्ह जब हैवान पैदा होज्या सै, तो उनकी नज़रां तै बचणा मुस्किल होज्या है। अर उनकी नीयत दूसरयां की ईज्ज़त का मोल भाव करण लाग ज्या है।
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