अखाड़ा (राजस्थानी)
बापु को सपनो है कर्ण पहलवान बणे। गरीबी अर घर को गुज़ारो करबा वास्ते कर्ण ने मज़...पूरा देखें
बापु को सपनो है कर्ण पहलवान बणे। गरीबी अर घर को गुज़ारो करबा वास्ते कर्ण ने मज़दूरी करणी पड़ै है।पण कुछ हादसा कर्ण की जिंदगी बदल देवे हैं। कर्ण बदला की आग में जुलसे है। कर्ण पहलवानी सुं दूर होर हथियार उठा लेवे है। काईं बापुं को सपनो पूरो कर पावेलो कर्ण?