
धाकड़ रागनी-भाग 1 (हरियाणवी)
धाकड़ रागनी हरियाणा की मिट्टी से जुड़ा एक जीवंत सांस्कृतिक मंच है। यह शो हरियाणव...पूरा देखें
धाकड़ रागनी हरियाणा की मिट्टी से जुड़ा एक जीवंत सांस्कृतिक मंच है। यह शो हरियाणवी लोक संगीत, परंपराओं और देहाती किस्सागोई को मिलाकर ग्रामीण हरियाणा की धाकड़ सोच, हास्य और जीवनशैली को अनोखे अंदाज़ में पेश करता है।

एपिसोड 1
तेरे बीरा की मरोड़ मेरे ठोसे पै
4m
इस गीत म्हं एक छोरी अपणी भाभी नै कहवै है के मेरा भाई ब्होत मरोड़ और नखरे आला है। तो उसकी भाभी उसनै कहवै है के मैं इतनी आच्छी सेवा कर दयूंगी के तेरे भाई का नखरा और मरोड़ धरी रह ज्यागी।
E1: तेरे बीरा की मरोड़ मेरे ठोसे पै

एपिसोड 2
पिंगला भरथरी
1h 58m
यो सॉंग थामनै याद दुवा देगा उस बख्त की जब म्हारी संस्कृति का प्रचार हर घर तक था और म्हारी दादी ताई भी सॉंग देख्या करती। दादा माँगेराम जी का यो सॉंग बड़े ही मार्मिक तरीके तै पेश करया गया है।
E2: पिंगला भरथरी

एपिसोड 3
बसै देश हरियाणा सै
9m
इस रागणी म्हं हरियाणा प्रदेश के निर्माण की भूमिका दर्शायी गई है के हरियाणा म्हं हर समाज हर इंसान हर धर्म एक विशेष भूमिका निभावै है।
E3: बसै देश हरियाणा सै

एपिसोड 4
भगत सिंह और भतेरे हो ज्यांगे
8m
इस रागणी म्हं उस बख्त का जिकरा है जब भगत सिंह ती फांसी की सजा होई तो भगत सिंह अंग्रेजां नै कहण लागे के एक मेरे मरणे तै भगत सिंह खत्म ना होवै बल्कि मेरे बाद इस देश म्हं हज़ारों लाखों भगत सिंह पैदा हो ज्यांगे और फेर इसा बखत आवैगा के थामनै यो देश छोड़ के जाणा पडैगा।
E4: भगत सिंह और भतेरे हो ज्यांगे

एपिसोड 5
सखी औढणा अर पहरना
7m
सखी औढणा अर पहरना रागनी प्यारेलाल की रागनी है जब सखियां पद्मावत को कहती है कि रणबीर आज बाग में आया हुआ है तो रणबीर को देखकर पद्मावत अपनी सखी सहेलियों से कहती है और क्या
E5: सखी औढणा अर पहरना

एपिसोड 6
वा राजा की राज दुलारी
10m
या रागणी पं मांगेराम जी की सुप्रसिद्ध रागणियां म्हं तै एक है।इस रागणी म्हं शिवजी भगवान के फकीरी जीवन का वर्णन करया गया है,जब पार्वती मां के ब्याह का जिक्र शिवजी के साथ होया तो शिवजी भगवान उसनै समझाण लागे के एक फकीर और राजा की बेटी का कोए मेल नहीं है।
E6: वा राजा की राज दुलारी

एपिसोड 7
मैं छळिया बाळकपण का
6m
1 दिन पंडित लख्मीचंद जी सॉन्ग कर रहे थे तभी वहां एक बहुत ही सुंदर लड़की कार रोक देती है जैसे वह कार का शीशा उतारती है पंडित लखमीचंद जी की नजर उस पर पड़ती है सांग को बीच में ही छोड़कर उसके रूप सौंदर्य का वर्णन जादुई शब्दों में करते हैं जो लख्मीचंद जी की सबसे हिट रागनी कहलाती है।
E7: मैं छळिया बाळकपण का

एपिसोड 8
हर की भूमि हरियाणे तै गीता का संदेश गया
11m
इस रागणी म्हं कवि नै बताया है के आज हरियाणा म्हं फूहड़ता ज्यादा फैलगी अर इस कारण संस्कार खत्म होते जाण लागरे हैं। पहले आले जो रीत रिवाज थे वे बिल्कुल खत्म होगे। कवि नै इस संस्कृति और संस्कार को बचाण का संदेश दिया है।
E8: हर की भूमि हरियाणे तै गीता का संदेश गया

एपिसोड 9
कौण कहै सै दुनिया के म्हं बुरी लुगाई नै
16m
आज के समाज म्हं एक औरत नै ब्होत ताने सुनणे पड़ै हैं जबकि घर म्हं सबतै ज्यादा काम एक औरत ए करै है और कदे भी किसे बात का दुख नही मानती और जो काम भी घर आले कहदे तो वा मना भी नही करती, कवि पूछणा चाहवै है के इतणा होण कै बाद भी एक औरत नै इतणा बुरा क्यूं बताया जावै है।
E9: कौण कहै सै दुनिया के म्हं बुरी लुगाई नै