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आँखें खोल देने वाली

अज्जो अग्निवीर ऊक-चूकवीर किसान छापाबिट्टोब्लैकमेलहनीट्रैपमायाजालहाम करनाल आले हाँ जीहाम कुरूक्षेत्र आले हाँ जीजानवरभाईचारादहलीज़ मैं क्युं सुणूरोटी जिद्दी हरियाणवीओपरी पराई मर्द क भी दर्द होवे से किरण के सुरीले बोल किसान की आत्मकथाज़हर बेटी नै ना कम समझो कड़वा सचआज का गाबरूहरियाणे का नाश कर दियाथोड़ी तो शर्म करल्यो रज़माना ख़राब आ गया रे